मऊ: सदर विधानसभा से बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस मामले में बाराबंकी पुलिस की कार्रवाई के बाद अब मामला और भी तूल पकड़ता दिख रहा है। पूरे मामले में जहां बाराबंकी पुलिस ने अब तक पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। वहीं मऊ जनपद से राजनाथ यादव नाम के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी की गई है। अन्य आरोपियों से अभी भी पूछताछ चल रही है। बता दें कि एंबुलेंस मामले में डॉ. अलका राय और उनके भाई शेषनाथ राय के साथ ही मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद और मुख्तार अंसारी के कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात राजनाथ यादव और मुख्तार अंसारी पर बाराबंकी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी पुलिस ने लिपिक के पद पर नौकरी करने वाले राजनाथ यादव को गिरफ्तार कर बाराबंकी कोर्ट में पेश किया था, जहां से राजनाथ यादव को जेल भेज दिया गया। मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद को भी पुलिस ढूंढ रही है। साथ ही मामले में मुख्य आरोपी डॉ. अलका राय और उनके भाई शेषनाथ राय से पूछताछ कर उनकी रिकॉर्डिंग पुलिस ले गई है।

वहीं राजनाथ यादव के बेटे का कहना है कि रविवार को पुलिस उनके घर आई और पिताजी को लेकर चली गई। पूछने पर पुलिसकर्मियों ने कुछ बताया तक नहीं। परिजनों का कहना है कि राजनाथ को ले जाने के दो दिन बाद हम लोगों को पता चला कि पिताजी को बाराबंकी पुलिस ले गई है। पूरे मामले में पुलिस की तरफ से अभी भी परिवार वालों को कुछ भी नहीं बताया गया है कि राजनाथ यादव फिलहाल कहां हैं। परिवार को मीडिया के द्वारा पता चला है कि राजनाथ को बाराबंकी पुलिस ले गई है।

वहीं राजनाथ यादव की पत्नी का कहना है कि उनके पति का आज तक किसी से कोई झगड़ा फसाद तक नहीं हुआ। अगर कभी किसी से कहासुनी होती भी थी तो वही घर वालों को शांत करा देते थे। वहीं राजनाथ के गांव के लोगों का भी कहना है कि उनके साथ पहली बार ऐसा हुआ है। वहीं राजनाथ के परिजनों ने सीएम योगी से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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