लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अभी तक कई शैक्षणिक संस्थानों की परीक्षाएं रुकी हुई हैं। ऐसे में छात्रों को आगामी सत्र में प्रवेश कैसे मिलेगा यह चिंता का विषय है। वहीं इन सबके बीच सरकार की ओर से इस साल भी उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाने की योजना तैयार की जा रही है।

छात्रों को प्रमोट करने को लेकर योजना तैयार करने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी भी बनाई गई है। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद ने लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विवि बरेली के कुलपति प्रो. कृष्ण पाल सिंह को शामिल कर यह कमेटी बनाई है। इस कमेटी से सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।

बता दें कि छात्रों को प्रमोट करने के लिए बनाई गई कमेटी ने शुक्रवार को पहली बैठक की। इस बैठक में छात्रों को प्रमोट करने के लिए क्या-क्या समस्याएं होंगी, इस विषय पर चर्चा की गई। क्योंकि छात्रों को इस बार प्रमोट करने के लिए योजना तैयार करना पिछली साल की तुलना में कठिन नजर आ रहा है। इस बार छात्रों को प्रमोट करने में कई तकनीकी दिक्कतें भी सामने आ रही हैं।

दरअसल पिछली बार सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम में कुछ विश्वविद्यालयों में पहले सेमेस्टर की परीक्षा हो चुकी थी, लेकिन इस बार विश्वविद्यालयों में देर से प्रवेश होने की वजह से सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई हैं। सेमेस्टर प्रणाली में पूर्व के एक-दो सेमेस्टर के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जा सकता है। वहीं पिछले सत्र में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को इस आधार पर प्रमोट किया गया था कि द्वितीय वर्ष में प्राप्त अंक के औसत अंक प्रथम वर्ष के माने जाएंगे। ऐसे में यदि द्वितीय वर्ष में भी इन छात्रों को प्रमोट किया गया तो अंक का निर्धारण कैसे होगा? इन सभी पहलुओं पर कमेटी अभी भी विचार कर रही है, जिसपर कमेटी को अपनी रिपोर्ट देनी है।

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