मऊ: देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में इन दिनों तोऊते चक्रवात की वजह से अफरा-तफरी का माहौल है। इसके बावजूद मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार देश में मानसून समय से पहले ही दस्तक देगा। वहीं पूर्वांचल की बात करें तो मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बार 18 जून तक पूर्वांचल में मानसून आ सकता है। हालांकि अगर मानसून की गति या दिशा में मामूली परिवर्तन भी होता है तो उम्मीद है कि 20 जून तक मानसून का पूर्वांचल में आना तय है।
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव के अनुसार मानसून की वास्तविक प्रगति केरल से भारत में प्रवेश के बाद ही बताई जा सकेगी। मानसून अपने स्वाभाविक स्वरूप में पूर्वांचल तक पहुंचेगा, जिसके कारण शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनेगी। इससे पहले उच्चतम तापमान में तेजी से वृद्धि होने की आशंका भी है।
वहीं तोऊते चक्रवात को लेकर उन्होंने बताया कि इसका हल्का असर उत्तर भारत में देखने को मिल सकता है। कुछ जगहों पर बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि चक्रवाती तूफान का मार्ग समुद्र के ऊपर ही है, इसलिए उसका प्रभाव भी समुद्र तट के किनारे बसे इलाकों में ही देखने को मिलेगा।
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