लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सांप्रदायिक मुद्दे उठाकर सपा और भाजपा हिंदू मुस्लिम आधारित चुनाव कराना चाहती है। यह दोनों की मिलीभगत है और जनता इनके षड्यंत्र में फंसने वाली नहीं है। उन्होंने यह भी एलान किया कि बसपा किसी से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी। मायावती विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर मंगलवार को प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों को संबोधित कर रहीं थीं।
मायावती ने भाजपा, सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। कहा कि भाजपा और सपा एक दूसरे के पोषक और पूरक हैं। दोनों ही हिंदू-मुस्लिम बेस्ड चुनाव कराने पर आमादा हैं और इसके जरिए एक दूसरे को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। दोनों के इरादे साफ हैं। कभी जिन्ना, कभी अयोध्या में पुलिस फायरिंग जैसे सांप्रदायिक और धार्मिक मुद्दों को उठाने का प्रयास इसी का परिणाम है। जनता भी यह समझ रही है। खास तौर भाजपा अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब अधकचरे कामों का शिलान्यास किया जा रहा है और चुनाव तक ही यह सिलसिला जारी रहेगा। चाहे मुफ्त का राशन हो या पेट्रोल के दाम कम करना, चुनाव के बाद केंद्र सरकार दोनों से हाथ खींच लेगी। किसान भी केंद्र सरकार की वादाखिलाफी तथा अहंकार से त्रस्त हैं। 50 प्रतिशत युवाओं को टिकट देने की बात से भी उन्होंने इंकार नहीं किया। कहा कि यह तो अच्छा होगा कि किसी पार्टी में इतने युवा आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस तमाम घोषणाएं कर रही है पर यदि उसने अपने पचास प्रतिशत वायदे भी पूरे किए होते तो उसका केंद्र और राज्य से इस तरह सफाया न होता। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा भी मौजूद थे।
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