लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में दो और पुलिस कमिश्नरेट बनाए जाने की उम्मीदें फिर से जग गई हैं। डीजीपी मुख्यालय ने मौजूदा चारों पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ, नोएडा, वाराणसी और कानपुर से पुलिस आयुक्त प्रणाली को लेकर एक रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही कम से कम दो और शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजीपी मुख्यालय ने पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद से उसके असर, खामियों, सकारात्मक पहलुओं, सुधारों और उसकी गुंजाइश को लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। माना जा रहा है कि यह कवायद मेरठ, आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में से किसी दो शहरों में पुलिस कमिश्नरेट बनाए जाने को लेकर की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी पुलिस अधिकारियों की कॉन्फ्रेंस में अधिक आबादी वाले शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने की बात कह चुके हैं। 20 से 22 नवंबर को लखनऊ में डीजीपी कॉन्फ्रेंस प्रस्तावित है, जिसमें खुद प्रधानमंत्री आ रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेश सरकार उन्हें कम से कम दो और पुलिस कमिश्नरेट का तोहफा देने की कोशिश कर रही है। हालांकि अधिकारी नई कमिश्नरेट के लिए काबिल अफसरों की कमी का हवाला देते रहे हैं, लेकिन अभी तक की चार पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए राज्य सरकार इसे कम से कम दो और शहरों में बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
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