गोरखपुर : उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर को महानगर (मेट्रोपोलिटन सिटी) का दर्जा दिया है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में नगर विकास विभाग की ओर से इस बाबत लाये गये प्रस्ताव को हरी झण्डी दी गयी। मिली जानकारी के अनुसार चूंकि गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन चलनी है और इसके लिए किसी भी शहर में 40 लाख की आबादी के साथ उसे महानगर का दर्जा मिला होना जरूरी होता है, इसी नाते यह निर्णय लिया गया।
इसके लिए पिपराइच नगर पालिका और गोरखपुर से सटे चार विकास खंडों को गोरखपुर नगर निगम में शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से मंजूरी दे दी गई है। बता दें कि प्रदेश सरकार गोरखपुर में लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, लेकिन कम आबादी के कारण यह शहर उस दायरे में नहीं आ पा रहा था। इसके लिए शहर को मेट्रोपोलिटन घोषित करना भी जरूरी होता है।
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इन मानकों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने जिले की पिपराइच नगर पालिका को और शहर से सटे चार विकासखंडों को गोरखपुर नगर निगम की सीमा में लाने का प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से स्वीकृति दे दी गई है। इससे मेट्रो पोलिटन सिटी का दर्जा दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है
मेट्रो लाइन के कॉरिडोर
रेल ट्रांजिट परियोजना में दो कारीडोर प्रस्तावित किए गए हैं। पहला कारीडोर श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक बनेगा। इसकी लंबाई 15.14 किमी. होगी। इस कारीडोर में 14 स्टेशन होंगे। दूसरा कारीडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चौराहे तक बनेगा। इसकी लंबाई 12.70 किमी होगी। इस कारीडोर में 13 स्टेशन होंगे। डीपीआर के मुताबिक प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक स्टेशन बनाया जाएगा। जिससे आने जाने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए आसानी से मेट्रो की सेवा मिल सके।
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