प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में भर और राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में राज्य सरकार को अल्टीमेटम मिला है। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को भर व राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के संबंध में दो माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से कहा कि मामले में केंद्र सरकार के 11 अक्तूबर 2021 के प्रस्ताव के क्रम में निर्णय लें। जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस दिनेश पाठक की खंडपीठ ने जागो राजभर जागो समिति की याचिका पर यह आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में लाखों की संख्या में भर व राजभरों की आबादी रहती है। इन्हें आज की तारीख में अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में प्रदेश में रखा गया है। इसी का याचिका में विरोध किया गया है। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर यूपी सरकार इन दोनों जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देती है या नहीं।
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बता दें कि भर व राजभरों की बड़ी आबादी पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर, देवरिया, गोरखपुर में ज्यादातर पाईं ज़ाती हैं। हालांकि इनकी आबादी प्रदेश के लगभग सभी जिलों में है।
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