लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पूर्व मंत्री नकुल दुबे को निकाल दिया है। उन्होंने ट्वीट कर स्वयं इसकी जानकारी शनिवार की शाम को दी। नकुल दुबे का कहना है कि उन्हें भी निष्कासन की जानकारी मिली है। पर इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। बसपा सुप्रीमो विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा कर रही हैं। नकुल दुबे को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि नकुल दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने की वजह से निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘श्री नकुल दुबे (लखनऊ) बीएसपी पूर्व मंत्री को, पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण, इनको बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया है।’
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के जाने से पहले वह जिलों में जाकर तैयारियां कराते थे। उन्हें बसपा का दूसरा बड़ा ब्राह्मण चेहरा माना जाता रहा है। आरोप है कि विधानसभा चुनाव में गलत फीडबैक देने के चलते उन्हें पार्टी से बाहर किया गया है। नकुल दुबे से जुड़े लोगों का कहना है कि वो एक-दो दिन में अपने समाज के साथ बैठक कर आगे की रणनीति का खुलासा करेंगे। भाजपा या समाजवादी पार्टी का दामन भी थाम सकते हैं।
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नकुल दुबे वर्ष 2007 में पहली बार लखनऊ महोना (अब बख्शी का तालाब) विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर मायावती सरकार में नगर विकास मंत्री बने। उस समय वह कम उम्र के मंत्री रहे। बसपा में उन्हें जो भी जिम्मेदारियां दी गई उसे बखूबी निभाया और कभी मुंह तक नहीं खोला। वह वर्ष 2012 व 2017 का विधानसभा चुनाव बख्शी का तालाब विधानसभा सीट और वर्ष 2019 सीतापुर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।