वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद के मामले में कोर्ट के आदेश पर अधिवक्ता कमिश्नर द्वारा सर्वे और फोटोग्राफी का काम शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। मंगलवार यानी 17 मई को कोर्ट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट को पेश करेंगे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे विष्णुशंकर जैन का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है। इसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने शिवलिंग की जगह को सील करते हुए उसे सीआरपीएफ के हवाले कर दिया है।

वाराणसी सिविल कोर्ट ने जिला प्रशासन को कहा है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उसे सील किया जाए। शिवलिंग को संरक्षित और सुरक्षित करते हुए किसी को भी जाने की इजाजत न दी जाये। हालांकि मुस्लिम पक्ष सभी दावों को खारिज कर रहा है। उनका कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है और रिपोर्ट अभी कोर्ट के समक्ष पेश होनी है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे विष्णु जैन के प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, जिसमें यह दावा किया गया है कि परिसर से शिवलिंग मिला है। इस अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए जिला मजिस्ट्रेट बनारस को आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उसे स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी और पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट बनारस तथा सीआरपीएफ कमांडेंट बनारस को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी।

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उपरोक्त सील किए गए स्थान के बाबत स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है इस के सुपरविजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें पे कमिशन रिपोर्ट पर सुनवाई हेतु पेश हो।

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