नई दिल्ली: आजादी की 75वीं वर्षगाठ पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से रिसर्च पर जोर देने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस खास मौके पर मैं पूर्व प्रधानमंत्रियों लाल बहादुर शास्त्री और अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करना चाहूंगा। पीएम मोदी ने कहा कि “लाल बहादुर शास्त्री ने देश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जय जवान जय किसान का नारा दिया था। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान को जोड़ा। अब देश की जरूरतों को देखते हुए इसमें नई चीज को जोड़ना आवश्यक है। इसलिए अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान की जरूरत है।”
जानिए पीएम मोदी के भाषण की 10 प्रमुख बातें-
- ये ठीक है कि चुनौतियां बहुत हैं। अगर इस देश के सामने करोड़ों संकट हैं, तो इतने ही समाधान भी हैं। मेरा 130 करोड़ देशवासियों पर भरोसा है। निर्धारित लक्ष्य के साथ, संकल्प के प्रति समर्पण के साथ जब 130 करोड़ देशवासी आगे बढ़ते हैं, तो हिंदुस्तान 130 कदम आगे बढ़ जाता है।
- देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद, परिवारवाद। एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वे लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है।
- मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है।
- जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं।
- आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंचप्रण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। ये पंचप्रण हैं- विकसित भारत के बड़े संकल्पों और संकल्प के साथ आगे बढ़ना, दासतां के सभी निशान मिटा देना, विरासत पर गर्व करना, एकता की ताकत को पहचानना और नागरिकों के कर्तव्य जिनमें पीएम और सीएम शामिल हैं। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आज़ादी के दीवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा।
- हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। अपनी भाषा में शिक्षा जरूरी है। भाषा के कारण कोई बाधा न आए, इसके लिए प्रबंध जरूरी है।
- हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं। ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी।
- जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी। लेकिन अब अमृतकाल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान। जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान।
- आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भरता की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं।
- भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके ज़ेहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।
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