लखनऊ: जन्माष्टमी के मौके पर सार्वजनिक अवकाश अब 18 के बजाय 19 अगस्त को होगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को आदेश जारी कर दिया। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पहले निगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत 18 अगस्त को जन्माष्टमी का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था।
हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी का त्योहार 19 अगस्त को मनाए जाने की सूचना प्राप्त हुई है। ऐसे में जन्माष्टमी का त्योहार अब 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसके मद्देनजर जन्माष्टमी के त्योहार के लिए 18 अगस्त के स्थान पर 19 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। वहीं असामाजिक तत्वों के लिए ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान ने जन्माष्टमी पर पुलिस को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस पिकेट की तैनाती करने के साथ-साथ प्रभावी गश्त की भी व्यवस्था करेगी। साथ ही सोशल मीडिया की राउण्ड द क्लॉक मॉनिटरिंग की जाये।
यूपी डीजीपी डीएस चौहान ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर एवं व्हाट्सएप पर सतर्क, दृष्टि रखते हुये भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट होने पर विधिक कार्रवाई करते हुए प्रभावी खण्डन किया जाये। उन्होंने कहा है कि सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में घूम-फिर करते रहें और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस पिकेट, मोबाइल पेट्रोलिंग व पैदल गश्त की प्रभावी व्यवस्था की जाये। इन क्षेत्रों में एण्टी सेबोटाज चेक, एक्सेस कन्ट्रोल तथा क्यूआरटी की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय करते हुये ड्रोन कैमरे से भी चेकिंग करायी जाये।
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डीजीपी ने निर्देश दिए है कि समस्त आयोजनों और कार्यक्रमों में योजनाबद्ध रूप से सुदृढ़ पुलिस व्यवस्था व यातायात प्रबन्ध किया जाये। सादे कपड़ों में भी पुरुष व महिला पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगायी जाये। छोटी से छोटी घटना को गम्भीरता से लेते हुए समुचित एवं त्वरित रिस्पांस किया जाये।
डीजीपी ने हर थाना को खुफिया इनपुट के आधार पर सांप्रदायिक और शरारती तत्वों पर नजर रखने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने प्रत्येक थाने को सतर्क रहने की हिदायत दी है। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि पुलिस छोटी से छोटी घटना को गंभीरता से ले और अफवाह फैलाने वाले और शरारती लोगों पर त्वरित कार्रवाई करें। सभ्रान्त नागरिकों, शान्ति समितियों के सदस्यों का सक्रिय सहयोग लिया जाये।