लखनऊ: समाजवादी पार्टी 12 अक्टूबर से विजय रथ यात्रा की शुरुआत कर रही है। इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में शुरू किया जाएगा। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों और नेताओं के लिए बहुप्रतीक्षित यह यात्रा ‘सत्ता परिवर्तन’ का नारा लेकर उत्तर प्रदेश के सघन दौरे पर जाएगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कई मौकों पर आंदोलनों में गिरफ्तारियां भी दे चुके हैं। इससे पहले 31 जुलाई 2001 को अखिलेश यादव ने पहली ‘क्रांति रथ यात्रा निकाली थी औऱ 12 सितंबर 2011 को भी अखिलेश यादव ने दूसरी ‘समाजवादी क्रांति रथ यात्रा’ निकाली थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन भी हुआ था।
समाजवादी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक 12 अक्टूबर को कानपुर में एक कार्यक्रम आयोजित होगा, जहां से ‘विजय रथ यात्रा’ की शुरुआत होगी और उसके बाद हमीरपुर में एक बड़ी जनसभा को भी अखिलेश यादव संबोधित करेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रथ यात्रा को लेकर लिखित में बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा न्याय के लिए चलेगा, महिलाओं के मान-सम्मान के लिए है विजय रथ यात्रा होगी। अखिलेश यादव ने कहा है कि युवाओं को नौकरी-रोजगार के लिए, गरीबों, वंचितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों के बीच विश्वास जगाने के लिए है विजय रथ यात्रा का वह खुद नेतृत्व करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा है कि विजय रथ यात्रा निश्चय ही मील का पत्थर साबित होगी। ये दबे-कुचलों के न्याय के लिए ही यात्रा है। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में उद्योग धंधे लोगों के बर्बाद हो गए हैं। लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं। दूसरी तरफ महंगाई उनके लिए आफत बन गई है। सरकार झूठे वादे कर रही है। यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने संकल्प पत्र का ज्यादातर वादा पूरा ही नहीं किया है। अखिलेश यादव ने खासतौर से भारतीय जनता पार्टी पर वार करते हुए कहा कि किसानों के साथ जिस तरह से छल और धोखा हुआ है उस तरह से अंग्रेजों ने भी नहीं किया था।
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