लखनऊ: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और आजमगढ़ के दीदारगंज क्षेत्र से बसपा विधायक सुखदेव राजभर का सोमवार को निधन हो गया। वह तीन दिन से गोमतीनगर स्थित चंदन हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। चंदन अस्पताल के एमडी डॉ. फारुख अंसारी ने बताया कि सुखदेव राजभर गुर्दे के बीमारी से पीड़ित थे। डायलसिस चल रही थी। जहां सोमवार की रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हो गया। सुखदेव राजभर मायावती के साथ ही मुलायम और कल्याण सिंह कैबिनेट में भी मंत्री बने। सुखदेव के निधन पर सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दुख जताया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने शोक संदेश में कहा कि सुखदेव राजभर का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता श्री सुखदेव राजभर जी का निधन अपूरणीय क्षति। शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान! ‘सामाजिक न्याय’ को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा। विनम्र श्रद्धांजलि!
बता दें कि सुखदेव लालगंज क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। सुखदेव राजभर ने अपना पहला चुनाव साल 1991के विधान सभा चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता और विधायक बने थे। 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने। 1996 के चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र सिंह से पराजित हुए। पराजित होने के बाद विधान परिषद सदस्य चुन लिए गए। 2002 के चुनाव और 2007 के चुनाव में फिर से जीते थे। लालगंज विधान सभा सुरक्षित हो जाने पर 2012 में दीदारगंज विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और सपा के आदिल शेख से चुनाव हार गए। 2017 में पुनः दीदारगंज से चुनाव लड़े और जीत गए।
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