लखनऊः कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी सरकार पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गई है। मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 के उच्च स्तरीय अफसरों और स्वास्थ्य सलाहकार समिति के साथ बैठक की। बैठक में सीएम योगी ने कोविड-19 से बचाव को लेकर दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत अनुपालन सभी जिलाधिकारी सुनिश्चित कराएं।
दसवीं तक के स्कूल बंद
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में कक्षा 10 वीं तक के सभी शासकीय और निजी विद्यालयों में मकर संक्रांति तक अवकाश घोषित किया जाए। इस अवधि में उनका टीकाकरण जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के किसी जनपद में एक्टिव कोविड केस की संख्या 1000 से अधिक नहीं है। लेकिन व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुए जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1000 से अधिक हो जाए, वहां जिम, स्पा, सिनेमाहॉल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि सार्वजनिक स्थलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित किया जाए।
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वहीं शादी समारोह और अन्य आयोजनों में बंद स्थानों में एक समय में 100 से अधिक लोगों की सहभागिता न हो। खुले स्थान पर ग्राउंड की कुल क्षमता के 50 फीसदी से अधिक लोगों के उपस्थिति की अनुमति न दी जाए। मास्क-सैनीटाइजर की अनिवार्यता रहे। सीएम ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू रात 10 से प्रातः 06 बजे तक लागू किया जाए। यह व्यवस्था 06 जनवरी गुरुवार से प्रभावी कर दी जाए। गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना कर्फ्यू रात्रि 11 से सुबह 5 बजे तक लागू था।
माघ मेले में RTPCR निगेटिव रिपोर्ट जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आस्था के अप्रतिम प्रतीक ‘प्रयागराज माघ मेला’ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए। कल्पवासियों सहित सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है।
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कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार पैनल से परामर्श के आधार पर व्यापक जनहित में सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। लोगों में अनावश्यक पैनिक न हों, उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। सीएम योगी ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है।