अहमदाबाद : गुजरात की विशेष अदालत ने 2008 अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। 14 साल पुराने मामले में स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इसमें 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में एक घंटे के भीतर 21 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इस धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस विस्फोट में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे। एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में 21 धमाके हुए थे। पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां विभिन्न स्थानों से बम बरामद किए गए थे। अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया, क्योंकि पुलिस जांच में दावा किया गया था कि ‘वे एक ही साजिश का हिस्सा’ थे।

इस हमले के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। गुजरात के मौजूदा डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई। विस्फोट के बाद तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह 27 तारीख को अहमदाबाद के दौरे पर आए थे। पीएम मनमोहन सिंह के आने के बाद 28 जुलाई को गुजरात पुलिस की एक टीम बनाई गई और महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद बाकी आतंकी समय-समय पर पकड़े जाते रहे हैं।

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अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था। देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए। अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन यानि 27 जुलाई को सूरत में सीरियल ब्लास्ट हुए, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से ये धमाके नहीं हो पाए।

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