लखनऊ : सातवें चरण के दस जिलों की 61 सीटों पर भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले 12 सीटों का नुकसान हुआ है। भाजपा को 10 जिलों में 29 सीटों पर विजय मिली है, जबकि सपा ने पिछले प्रदर्शन को सुधारते हुए ढाई गुनी सीटों पर कब्जा जमाया है। वर्ष 2017 में महज 12 सीटों पर सिमटने वाली सपा ने यहां 31 सीटों पर जीत दर्ज कर अपना प्रदर्शन सुधारा है।

वहीं बसपा की बात करें तो पार्टी केवल एक सीट पर ही विजय पा सकी है और कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। पिछले चुनाव में बसपा को सात और कांग्रेस को एक सीट यहां से मिली थी। इसके साथ ही वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र में क्लीन स्वीप के अपने प्रदर्शन को दोहराने वाली भाजपा ने इस बार सपा के मजबूत गढ़ आजमगढ़ में अपनी एक मात्र सीट को भी गंवा दिया है।

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वहीं गाजीपुर में भाजपा ने अपनी पांच सीटों को खो दिया है। यहां पिछले चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा और दो सीटों पर तत्कालीन सहयोगी पार्टी सुभासपा को जीत मिली थी। ऐसे ही बलिया और जौनपुर में भी भाजपा को सीटों का नुकसान हुआ है। सपा ने क्षेत्रीय क्षत्रपों को इस चुनाव में साथ लेकर अपने प्रदर्शन में सुधार किया है।

पूर्वांचल में सपा ने भाजपा की बराबरी का प्रदर्शन किया है। इसके पीछे भाजपा और सुभासपा के बीच गठबंधन को भी बड़ी वजह माना जा रहा है। राजभर बहुल विधानसभाओं में सपा ने प्रदर्शन सुधारा है और कई जगहों पर जीत भी दर्ज की है।
इसके अलावा बांदा जेल में बंद मऊ सदर विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी परिवार को भी साथ रखने का फायदा सपा को मिला। इस परिवार ने दो सीटों पर जीत के साथ ही अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों के मुस्लिम मतों को सपा के पाले में सहेजा है।

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