लखनऊ: पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की जिम्मेदारी बेटे आदित्य यादव अंकुर को सौंपी है। अंकुर के नेतृत्व को पार्टी को नए सिरे से खड़ी करने की तैयारी है। करीब 10 साल से सियासत में सक्रिय आदित्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे बड़ी वजह संगठन की एकजुटता है। आदित्य के सामने नए सिरे से पार्टी को सक्रिय करने की चुनौती होगी।
सपा से अलग होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नवंबर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया। वह खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और सुंदरलाल लोधी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। विधान सभा चुनाव 2022 से ठीक पहले शिवपाल सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया और सपा की सदस्यता ले ली। टिकट वितरण के दौरान मची उठापटक के बीच शिवपाल के खास लोगों ने प्रसपा छोड़ दी। चुनाव बीता। पार्टी ने नए सिरे से मंथन शुरू किया।
इसे भी पढ़ें– योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की बढ़ी मुश्किलें, एक और समन जारी
मई में पार्टी की सभी कार्यकारिणी भंग कर नए सिरे से पुर्नगठन की कवायद शुरू की गई। इस बीच विभिन्न फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष घोषित किए गए, लेकिन मुख्य कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई। पार्टी में कई चेहरों पर विचार किया, लेकिन लेकिन किसी न किसी रूप में एकजुटता को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाई। आखिरकार सभी की निगाह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव अंकुर पर टिकी। मंगलवार को उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की गई। उन्हें जल्द से जल्द प्रदेश कार्यकारिणी विस्तार करने का निर्देश दिया गया है।
ऐसी ही महत्वपूर्ण खबरों के लिए लिंक पर क्लिक करें।