पटना: बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव पर आरक्षण के मसले को लेकर लगभग रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछड़ों को आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इस चुनाव की प्रक्रिया में पालन नहीं किया। पटना हाईकोर्ट ने अपने इस फैसले में सबसे ज्यादा नाराजगी राज्य निर्वाचन आयोग पर जतायी है।
मंगलवार को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने अपना फैसला दिया। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया। चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर कोर्ट ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सही रूप से पालन नहीं हुआ है।
कोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग को पूरी करनी होगी। जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था में अति पिछड़ा सीट सामान्य माने जाएंगे। हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने नियमों का पालन नहीं किया है।
ताजा अपडेट के मुताबिक अतिपिछड़े सीट को सामान्य करार देकर चुनाव कराया जा सकता है लेकिन इस प्रक्रिया में पहले से घोषित मतदान की तिथि में चुनाव होना फिलहाल संभव नहीं है। मालूम हो कि बिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ही नगर निकाय चुनाव करा रहा है। निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी।
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