नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में डीजल वाहनों पर रोक लगाई गई है। इस बैन को प्रभावी बनाने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। दिल्ली में बीएस-6 गाड़ियों को ही एंट्री मिलेगी। सीएनजी, इलेक्ट्रिक और जरूरी सेवा से जुड़े ट्रकों को छोड़कर अन्य पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, उन्होंने अभी यह साफ नहीं किया कि नॉन बीएस-6 गाड़ियों पर लगाया गया प्रतिबंध निजी कारों पर भी लागू होगा या नहीं।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के अंदर सभी तरह के निर्माण और विध्वंस के काम पर रोक है। इसमें कुछ कैटिगरी को छूट दी गई थी। आज हाईवे, रोड कंस्ट्रक्शन, फ्लाइओवर, पाइप लाइन और पावर ट्रांसमिशन के काम पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
गोपाल राय ने आगे कहा कि दिल्ली के अंदर जरूरी सेवा को छोड़कर सभी ट्रक के प्रवेश पर रोक लगाई जा रही है। जरूरी सेवा के साथ सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को मंजूरी दी जाएगी। दिल्ली में जो पंजीकृत डीजल मध्यम वाहन हैं, उन पर भी प्रतिबंध रहेगा। जरूरी सेवा श्रेणी में जो सामान आते हैं, उन्हें आने जाने की अनुमति दी जा रही है। आपातकालीन सेवा को छोड़कर बीएस-6 वाहनों (डीजल वाले) को छोड़कर सब पर प्रतिबंध रहेगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के आधे कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ मोड में काम करेंगे। इसके अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी जहां तक संभव हो कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा, ”दिल्ली सरकार में जो वर्कफोर्स है उसमें से 50 फीसदी ‘वर्क फ्रॉम होम’ करेंगे, यह अनिवार्य है। जो प्राइवट दफ्तर हैं, उनके लिए हम अडवाइजरी जारी करने जा रहे हैं, कि वह भी ऐसा करें।” इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि कल से दिल्ली में प्राइमरी स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 9.30 बजे 426 रहा। आनंद विहार और जहांगीरपुरी राजधानी में सबसे प्रदूषित स्थान रहे, जहां एक्यूआई क्रमश: 471 और 485 रहा। जिन क्षेत्रों में ‘गंभीर’ एक्यूआई दर्ज किया गया है, वे हैं- अलीपुर (475), अशोक विहार (470), बवाना (482), बुराड़ी (460), डीटीयू (446), द्वारका (474), आईटीओ (438), मुंडका (476), नरेला (477), नेहरू नगर (482), पटपड़गंज (435), रोहिणी (474), सोनिया विहार (472), विवेक विहार (471) और वजीरपुर (475)।
बता दें कि 400 से ऊपर का एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। सीपीसीबी के सुबह 9.10 बजे के आंकड़ों के अनुसार, 36 निगरानी स्टेशनों में से 31 ने ‘गंभीर’ एक्यूआई दर्ज किया। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2021 में गठित एक वैधानिक निकाय, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि राज्य सरकारें शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने, गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों और वाहनों के सम विषम रूप से चलाने का फैसला कर सकती हैं।
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