मऊ: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत एम्बुलेंस से मुख्तार को कोर्ट में पेश करने के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। मऊ से वापस बाराबंकी गई पुलिस टीम ने साक्ष्यों के आधार पर मुख्तार अंसारी समेत चार अन्य लोगों को साजिशकर्ता के रूप में दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में मऊ गई टीम ने एक को गिरफ्तार भी किया है।
बता दें कि पंजाब के रोपण जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में जिस एम्बुलेंस से ले जाया गया, वह बाराबंकी में पंजीकृत है। एआरटीओ विभाग की जांच में डॉ. अलका राय निवासी रफीनगर बाराबंकी के नाम पर बनी वोटर आईडी पर एम्बुलेंस पंजीकृत पाई गई थी। इसके बाद मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. अलका राय को नामजद करते हुए कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
बाराबंकी के एसपी यमुना प्रसाद ने इस मामले में एसआईटी गठित करते हुए निरीक्षक एमपी सिंह के नेतृत्व में एक टीम मऊ भेजी थी और दूसरी टीम सीओ हैदरगढ़ नवीन सिंह के नेतृत्व में पंजाब भेजी गई थी। सोमवार की देर शाम एसपी यमुना प्रसाद ने बयान जारी करते हुए बताया कि मऊ गई पुलिस टीम ने डॉ. अलका राय से गहन पूछताछ की। पूछताछ में यह बात सामने आई कि शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद व राजनाथ यादव ने दबाव बनाकर प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराया और अवैध रूप से एम्बुलेंस का पंजीकरण कराकर उसे अपने कब्जे में रखा।
एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि इन सभी साजिशकर्ताओं का नाम दर्ज करते हुए मुकदमे में धारा 120बी, 506, 177 के साथ 7सीएलए एक्ट की बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में साजिशकर्ता राजनाथ यादव पुत्र मुनेश्वर यादव निवासी अहरौली थाना सरांयलखंसी को गिरफ्तार किया है। उन्होंने आगे कहा कि सीओ नवीन सिंह के नेतृत्व में पंजाब गई पुलिस टीम ने एम्बुलेंस को लावारिस पाया। एंबुलेंस को फभी बाराबंकी लाया जा रहा है।