लखनऊ: राजधानी लखनऊ में मानकों के खिलाफ चल रहे अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की टीमों ने 10 अस्पतालों को सील किया। इससे पहले शुक्रवार को एक अस्पताल में ताला डाला था। अब तक 11 अस्पताल सील किए जा चुके हैं। अब आठ अस्पतालों पर शिकंजा कसना बाकी है।
नियमों को ताक पर रखकर अस्पतालों के संचालन की शिकायत हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने राजधानी के कई अस्पतालों में छापेमारी की थी। जिलाधिकारी ने नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले 19 अस्पतालों को बंद कराने का फैसला किया है। बीते गुरुवार को जिलाधिकारी ने अस्पतालों को बंद करने का आदेश जारी किया। इसके बाद शुक्रवार को आईआईएम रोड स्थित एक निजी अस्पताल को सील किया गया था।
कार्यवाहक सीएमओ व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि मरीजों की जान से खेलने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें किसी भी तरह का टालमटोल बरदास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को 10 अस्पतालों को बंद किया गया। इन अस्पतालों में नियमों का पालन नहीं हो रहा था। डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ समेत दूसरे मानक पूरे नहीं थे। अस्पतालों को सील कर दिया गया है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया।
स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की टीमों की सीलिंग की कार्रवाई से अस्पतालों में हड़कंप मच गया। कई अस्पताल के कर्मचारियों ने टीमों का विरोध किया। इसके बावजूद टीमें कार्रवाई से पीछे नहीं हटी। देर रात तक कार्रवाई की प्रक्रिया चली।
इन अस्पतालों में लगा ताला
वेलकम अस्पताल, गैलेक्सी हॉस्पिटल, शालिनी अस्पताल, उजाला नर्सिंग होम, सिमना हॉस्पिटल, रमेश जन सेवारथ हॉस्पिटल, हिन्द हॉस्पिटल, साधना हॉस्पिटल, काकोरी हॉस्पिटल, न्यू सहारा हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी सेंटर को सील किया गया है।
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