नई दिल्ली: ज्ञानवापी विवाद के बीच मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के निर्देश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने जारी आदेश में यह पूरा मामला जिला जज को ट्रांसफर कर दिया है। साथ ही यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी 17 मई का आदेश अगले 8 सप्ताह तक लागू रहेंगे। अब जिला जज ही मामले की सुनवाई पूरी करेंगे।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि अगर हमारे अंतरिम आदेश को जारी रखा जाता है और डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की सुनवाई की अनुमति दी जाती है, तो यह सभी पक्षों के हितों की रक्षा करेगा। वकील वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की दलील का कोई मतलब नहीं है। आयोग की रिपोर्ट पर न्यायालय विचार करे तो उचित होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जब तक जिला जज मामले को सुने हमारा पहले का अंतरिम आदेश जारी रह सकता है जिसमें हमने शिवलिंग को सुरक्षित रखने और नमाज पढ़ने को न रोकने को कहा था। ये सभी पक्षों के हितों की रक्षा करेगा।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इसलिए हम सोच रहे थे कि जिला जज मामले की सुनवाई कर सकते हैं। वे जिला न्यायपालिका में सीनियर जज हैं। वे जानते हैं कि आयोग की रिपोर्ट जैसे मुद्दों को कैसे संभालना है। हम यह निर्देश नहीं देना चाहते कि उन्हें क्या करना चाहिए। वकीलों से मुलाकात के बाद ऑर्डर 7 के नियम 11 के बारे में जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जिला न्यायाधीश को ही सुनना चाहिए। जिला जज अनुभवी न्यायिक अधिकारी होते हैं। उनका सुनना सभी पक्षकारों के हित में होगा। वहीं वैद्यनाथन ने कहा कि धार्मिक स्थिति और कैरेक्टर को लेकर जो रिपोर्ट आई है, जिला अदालत को पहले उस पर विचार करने को कहा जाए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम उनको निर्देश नहीं दे सकते कि कैसे सुनवाई करनी है। उनको अपने हिसाब से करने दिया जाए।

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