लखनऊ: चित्रकूट जेल में शुक्रवार की दोपहर को हुई गोलीबारी में सीतापुर के शार्प शूटर अंशुल दीक्षित ने दो टॉप मोस्ट अपराधियों वसीम काला और मिराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला। हालांकि बाद में पुलिस ने मुठभेड़ में अंशुल उर्फ अंशू को भी मार गिराया। शातिर अपराधी अंशुल कई महीने से जेल में निरुद्ध है।

पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर वसीम काला और पूर्वांचल के मुख्तार गैंग के गुर्गे मिराजुद्दीन को भी कुछ दिनों पहले चित्रकूट जेल में लाया गया था। शुक्रवार सुबह अंशुल ने मौका पाते ही पिस्टल से दोनों बदमाशों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। जब तक जेल में मौजूद सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते तब तक कई राउंड गोलियां चलीं, जिसमें वसीम और मेराजुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई।

काफी देर तक चले गैंगवार में वसीम और मेराजुद्दीन की मौत हो गई। इसके बाद जेल में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने अंशुल को ललकारा और आत्मसमर्पण करने को कहा। इस पर अंशुल ने जेल के सुरक्षा कर्मियों पर भी फायरिंग शुरू कर दी। वहीं सुरक्षा कर्मियों पर हुई फायरिंग के जवाब में की गई फायरिंग में अंशुल भी मारा गया।

मुख्तार गैंग से जुड़ा था मेराज

चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में मारा गया मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अहमद खान बनारस में भाई मेराज के नाम से मशहूर था। माफिया मुख्तार अंसारी का बेहद करीबी मेराज बनारस से ही पूरे पूर्वांचल में नेटवर्क संभालता था। पिछले साल मुख्तार गैंग पर शिंकजा कसा गया तो मेराज को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने मेराज को शस्त्र लाइसेंस में किये गए फर्जीवाड़े के लिए पकड़ा था।

पिछले साल हुआ था गिरफ्तार

बता दें कि अशोक विहार कॉलोनी में रहने वाले मेराज को पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर शस्त्रों का नवीनीकरण कराने के मामले में जैतपुरा से गिरफ्तार किया था। मेराज को पिछले साल अक्तूबर में गिरफ्तार किया गया था। मेराज पर वाराणसी कैंट थाने में 19, मिर्जामुराद, जलालपुर में भी एक एक मुकदमे दर्ज हैं। मेराज की फरारी के दौरान उसके घर की कुर्की करने के लिए पुलिस ने कोर्ट से आदेश मांगा था। इसी बीच कोर्ट में मेराज के अधिवक्ता अनुज यादव के जोरदार विरोध के बाद पुलिस की याचिका खारिज कर दी गई।

कई मामलों में दर्ज थे मुकदमें

इस मामले में जांच के बाद जैतपुरा थाने में मेराज के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 470, 471, 216 एवं 120 बी आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में मेराज अहमद के फरार होने के चलते उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उसके घर कुर्की की नोटिस चस्पा की गई थी।

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