लखनऊ: प्रदेश के सभी नगर निगम वाले शहरों में तंबाकू व सिगरेट की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य किया जाएगा। इसके तहत लखनऊ के अलावा 16 नगर निगमों अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद वृंदावन-मथुरा, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में भी इस प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने इस सबंध में आदेश जारी कर दिया है।

इस व्यवस्था को सभी नगर निगम वाले शहरों में लागू करने के लिए नगर विकास विभाग ने तंबाकू उत्पादन लाइसेंस शुल्क का निर्धारण, विनियमन और नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क उपविधि-2021 का प्रारूप जारी कर दिया है। साथ ही सभी नगर निगमों को इस उपविधि को अपने यहां लागू करने के संबंध में अपने यहां बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने के बाद 31 जुलाई तक लागू करने करने और शासन को सूचना भेजने का निर्देश दिया गया है।

इस उपविधि के लागू होने के बाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद व सिगरेट आदि की बिक्री नहीं कर पाएगा। लाइसेंस के बिना कोई भी कॉमर्शियल मॉल, थोक बाजार, बिग बाजार, स्पेंसर्स, जनल मर्चेंट, किराना दुकान, गुमटी आदि पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी। उपविधि में बिना लाइसेंस के बिक्री करते हुए पाए जाने पर जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है। बिना लाइसेंस के तंबाकू उत्पाद की बिक्री करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 2000 रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा। जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपये जुर्माना देना होगा। इसी प्रकार तीसरी बार पकड़े जाने पर 5000 जुर्माना वसूलने के साथ ही बिक्रेता के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी

लाइसेंस लेने वाला केवल भारतीय उत्पाद या केंद्र सरकार के आयत नियमों के मुताबिक मंगाए गए सामान ही बेच पाएगा। उपविधि में लाइसेंस के लिए पात्रता का भी निर्धारण किया गया है। लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होने के साथ ही आवेदनकर्ता की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और आधार कार्ड होना अनिवार्य होगा। शहर के बाहर का आधार कार्ड होने पर पार्षद से सत्यापना कराना होगा। शैक्षिक संस्थान से 100 गज के भीतर स्थित दुकान को तंबाकू बेचने के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर नीति के अनुसार अस्थाई दुकानदार को भी लाइसेंस दिया जाएगा।

उपविधि के मुताबिक लाइसेंस लेने वाले दुकानदारों को पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण एक बार में सिर्फ एक साल के लिए ही किया जाएगा। इसके बाद उसका नवीनीकरण कराना होगा। अस्थाई दुकान के लिए 200 रुपये और स्थाई दुकान के लिए 1000 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा। इसी प्रकार थोक बिक्री के लिए 5000 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। एक साल बाद नवीकीरण कराने पर भी थोक बिक्री के लिए 5000 रुपये और  स्थाई दुकान के लिए 200 व फुटपाथ या गुमटी लगाने वाले अस्थाई दुकानदारों को 100 रुपये पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा।

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