लखनऊः मऊ सदर विधानसभा सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटकनी शुरू हो गई है। दरअसल, मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर माफिया विरोधी मंच के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से गुहार लगाई है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मुख्तार को विधायक के रूप में मिल रहे वेतन और अन्य भत्तों की रिकवरी करने की मांग की है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्तार की सदस्यता रद्द हो सकती है।

सुधीर सिंह ने नियम कानून का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष को एक ज्ञापन भी सौंपा है। उनका कहना है कि लगातार जेल में रहने की वजह से मुख्तार ने एक जनप्रतिनिधि का दायित्व नहीं निभाया है। ऐसे में नियमानुसार उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि मुख्तार द्वारा अवैध तरीके से लिए गए, वेतन और भत्ते की रिकवरी भी होनी चाहिए। सुधीर सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष से 17 अगस्त से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में मुख्तार की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।

जानकारों का मानना है कि एक निश्चित अंतराल तक अगर विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है। कानून के मुताबिक, अगर कोई विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में 60 दिन तक अनुपस्थित रहता है तो आर्टिकल 190 के तहत उसकी सदस्यता खत्म हो सकती है। हालांकि 2017 के पहले तक मुख्तार अंसारी जेल में रहते हुए भी विधानसभा की कार्यवाही में आसानी से हिस्सा लेने के लिए आ जाया करते थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद मुख्तार अंसारी के सामने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेना एक बड़ी चुनौती बन गया है।

वहीं अब मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे अंजाम दिया जाएगा। मुख्तार की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष विशेषज्ञ कमेटी के साथ चर्चा करेंगे, सुनवाई करेंगे और इसके बाद वह कोई निर्णय लेंगे।

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