सीतापुर : यूपी के लखीमपुर खीरी में किसान हिंसा के बाद किसानों से मिलने जा रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने खैराबाद टोल प्लाजा पर नाकाबंदी करके हिरासत में लिया। इस दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की पुलिस अधिकारियों से नोकझोंक भी हुई, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में लेते हुए पुलिस लाइन ले आई।
चंद्रशेखर आजाद ने लखीमपुर घटना को लेकर कहा कि जिसने जलियावाला बाग नहीं देखा है वो आज देख रहा है। उत्तर प्रदेश में जो गुंडाराज है उसका जीता जागता उदाहरण लखीमपुर खीरी कांड है। यह सरकार किसानों के आंदोलन को नहीं कुचल पाई तो किसानों को कुचलने लगी है, जो हुआ वह बहुत डरावना है। देश की जनता किसानों के साथ है। मैं किसानों से मिले बगैर, जो आज हमारे बीच में नहीं है उनकी तकलीफ को सुने बिना और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक मैं नहीं जाऊंगा यहां से।
उन्होंने कहा कि पुलिस हमें चाहे जहां ले जाए, जब तक हम किसानों से नहीं मिल लेते और जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ कार्यवाई नहीं होती तब तक नहीं जाएंगे। उत्तर प्रदेश पुलिस जो जांच कर रही है वह कौन सी पुलिस है? गोरखपुर वाली पुलिस है या हाथरस वाली, जो आरोपी को बचा देती है और पीड़ितों को दोषी बना देती है।
बता दें कि रविवार शाम को हुई हिंसा के बाद से ही सभी राजनीतिक दल इस घटना को भुनाने की कवायद में जुट गए हैं। मामला सामने आते ही सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर जाने के ऐलान कर दिया। सबसे पहले प्रियंका गांधी लखनऊ पहुंची और वहां से लखीमपुर खीरी के लिए निकलीं, लेकिन पांच घंटे की आंख मिचौली के बाद पुलिस ने उन्हें सीतापुर के हरगांव से हिरासत में ले लिया। इसके बाद चंद्रशेखर भी निकले, लेकिन उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। आज समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव समेत तमाम बड़े नेताओं का भी लखीमपुर खीरी जाने का कार्यक्रम है।
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