लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को तलब किया है। इस मामले में आशीष के दो सहयोगियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। लखीमपुर खीरी में तीन SUVs के काफिले से टक्कर के बाद 4 किसानों की मौत हो गई थी। इनमें से एक वाहन आशीष का था। घटना के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान कुल मिलाकर 8 लोगों की मौत हुई। मरने वालों में किसानों के अलावा एक पत्रकार, भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ता और एक ड्राइवर का नाम शामिल है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस में दर्ज शिकायतों में आशीष उर्फ मोनू एकमात्र नामजद आरोपी है। रविवार को हुई घटनाओं में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद आशीष के दो सहयोगियों आशीष पांडेय और लवकुश राणा को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। तिकोनिया पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। बहराइच के रहने वाले जगजीत सिंह ने आशीष और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। उन्होंने हत्या और दंगा करने के आरोप लगाए हैं। सुमित जयसवाल की तरफ से दर्ज कराई गई एक अन्य FIR में अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने, हत्या और लापरवाही के चलते मौत के आरोप लगाए हैं। तिकोनिया पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर बालेंदु गौतम ने जानकारी दी कि एक FIR किसानों की तरफ से की गई शिकायत पर आधारित थी।

ADG (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार की तरफ से गुरुवार को बयान जारी किया गया कि ‘तिकुनिया पुलिस स्टेशन क्षेत्र के तहत खीरी में रविवार को हुई घटना की जांच के दौरान अब तक नामित आरोपी आशीष मिश्रा के अलावा 6 आरोपियों की पहचान कर ली गई है। इन 6 में से 3 की मौके पर मौत हो गई। बचे हुए चार आरोपियों में से दो की पहचान लवकुश और आशीष पांडेय के तौर पर हुई है, जिन्हें गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.’

बयान के अनुसार, आशीष मिश्रा को मामले में दर्ज FIR को लेकर सारे तथ्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं और लिखित, मौखिक या इलेक्ट्रॉनिक सबूत उपलब्ध कराने के लिए शुक्रवार सुबह 10 बजे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम ने बुधवार को मौके पर मौजूद वाहन से 315 बोर के दो खाली कारतूस बरामद किए हैं। गुरुवार को मेटल डिटेक्टर के जरिए मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच की गई।

लखनऊ रेंज की IG लक्ष्मी सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि पाया गया है कि गुरुवार को गिरफ्तार हुए लोग कथित रूप से किसानों को कुचलने वाले काफिले में शामिल वाहनों में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि एक FIR में शिकायतकर्ता सुमित जयसवाल भी एक वाहन में मौजूद थे और उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस दिया गया है। सुमित बयान दर्ज कराने के लिए गुरुवार शाम तक पुलिस स्टेशन में पेश नहीं हुए थे।

एडीजी कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए जांच की निगरानी करने वाली कमेटी में कुछ संशोधन किए गए हैं। इस कमेटी की अगुवाई पहले एडीशनल एसपी अरुण कुमार सिंह कर रहे थे और टीम में कुल 6 अन्य लोग भी शामिल थे। इस कमेटी में 2 और वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया और अब इसके प्रमुख DIG उपेंद्र अग्रवाल होंगे और SP रैंक के अधिकारी सुनील कुमार सिंह इसके वरिष्ठ सदस्य होंगे।

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