लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त अनुदानित मदरसों में गणित, विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र अब अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाए जाएंगे। मदरसा बोर्ड की मंगलवार को बैठक में मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए इन विषयों को ऐच्छिक से हटाकर अब अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कोरोना काल से लंबित कामिल और फाजिल की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 25 से 30 अक्तूबर के बीच कराने पर भी सहमति बनी।

मदरसों के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए सीनियर सेकेंड्री स्तर तक एनसीईआरटी के पाठयक्रम के मुताबिक गणित, विज्ञान, इतिहास और नागरिक शास्त्र को अब अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि मदरसों में दीनी शिक्षा के साथ अब आधुनिक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड के अभिलेखों के डिजिटाईजेशन व पासपोर्ट सत्यापन आदि कार्य के लिए आईटी सेल का गठन करने का निर्णय भी बोर्ड की बैठक में लिया गया है। बोर्ड की पाठ्यक्रम समिति, मान्यता समिति, परीक्षा समिति, परीक्षाफल समिति और वित्त समिति का गठन भी जल्द कर दिया जाएगा। वहीं बोर्ड के कार्यों को सुचारु करने के लिए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थायी तैनाती भी जल्द की जाएगी। बैठक में डॉ. इमरान अहमद, कमर अली, तनवीर रिजवी, असद हुसैन, वित्त एवं लेखाधिकारी आशीष नंदन, रजिस्ट्रार आरपी सिंह मौजूद थे।

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