नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानून निरस्त किए जाने के बाद आंदोलित किसानों ने आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है। हालांकि अभी किसानों की एक और बैठक होगी, जिसमें आंदोलन को खत्म करने का औपचारिक निर्णय होगा। दूसरी ओर किसान संगठनों का कहना है कि वह 11 दिसंबर के दिल्ली की पांचों सीमाओं को खाली करना शुरू करेंगे। बता दें 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगते हुए तीनों कानून वापस लेने का ऐलान किया था। हालांकि उसके बाद भी किसान डटे रहे।

उनका कहना था कि सरकार जब तक संसद में कानून वापस नहीं ले लेती वह वापस नहीं जाएंगे। इसके बाद उन्होंने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा, दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की भी मांग रखी। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर कानून की मांग की। इस बाबत सरकार ने कमेटी का गठन भी किया है।

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वहीं गुरुवार कोकिसानों ने 15 तारीख को समीक्षा के बाद आंदोलन को खत्म किए जाने पर औपचारिक निर्णय होगा। हालांकि कुछ अन्य किसानों ने बताया ‘हम यहां से चले जाएंगे। 11 तारीख से सारे बॉर्डर खाली कर देंगे। हम बार्डरों से जा रहे हैं। MSP पर सरकार से बात करेंगे। हमारी एक बैठक 15 तारीख को भी है।’

मिली जानकारी के अनुसार 13 दिसंबर को सभी किसान नेता मत्था टेकने स्वर्ण मंदिर भी जा सकते हैं। बताया गया कि किसान पंजाब के सभी टोल प्लाजा से भी हटेंगे। टोल प्लाजा पर धरने 15 दिसम्बर को हटाए जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि 15 तारीख के बाद पंजाब की सड़कों पर टोल टैक्स शुरू हो जाएगा।

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