आगरा : जिले के जगदीशपुरा थाना में दर्ज 22 साल पुराने केस को लेकर सोमवार को बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की स्पेशल जज (एमएलए-एमपी) नीरज गौतम की कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी हुई। इस दौरान तत्कालीन थानाध्यक्ष केस के वादी शिवशंकर शुक्ला भी जिरह के लिए उपस्थित हुए। मगर, शोक अवकाश होने के कारण जिरह नहीं हो सकी।

एडीजीसी शशि शर्मा ने बताया कि विधायक मुख्तार अंसारी की तरफ से उनके अधिवक्ता रवि अरोरा ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। इसमें कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में तबीयत ठीक नहीं है। उनका बीपी काफी बढ़ा हुआ है। मुख्तार अंसारी ने भी कहा कि उनको समुचित इलाज नहीं मिला तो कोई भी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।

इस पर कोर्ट ने बांदा जेल प्रशासन को समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं। वहीं केस के गवाह थाना जगदीशपुरा के तत्कालीन थानाध्यक्ष शिव शंकर शुक्ला भी जिरह के लिए आए थे। मगर, शोक अवकाश होने के कारण जिरह नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तिथि नियत की है।

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बता दें कि मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी को वर्ष 1999 में केंद्रीय कारागार में रखा गया था। अधिकारियों ने बैरक के निरीक्षण में मुख्तार अंसारी की बैरक से बुलेट प्रूफ जैकेट और मोबाइल बरामद किया था। इस मामले में थाना जगदीशपुरा में मुकदमा दर्ज हुआ था। केस में चार्जशीट लगाई। यह मुकदमा स्पेशल जज (एमएलए-एमपी) की कोर्ट में चल रहा है। केस में गवाही की प्रक्रिया चल रही है।

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