सीतापुर : करीब 23 महीनों से सीतापुर की जेल में पिता आजम खां के साथ बंद बेटे अब्दुल्ला आजम आखिरकार शनिवार की रात सलाखों से बाहर आ गए। सभी मामलों में रामपुर कोर्ट से रिहाई का आदेश आने के बाद जेल प्रशासन ने कानूनी कार्रवाई करते हुए अब्दुल्ला को रिहा कर दिया। रिहाई को लेकर सुबह से ही जेल के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। सुबह से लेकर रात तक हलचल रही। रिहाई के बाद जेल और पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
अब्दुल्ला आजम अपने पिता सांसद आजम खां के साथ कई मामलों में सीतापुर की जेल में 27 फरवरी 2020 से बंद थे। अब्दुल्ला के साथ उनकी मां तंजीन फातिमा भी जेल में बंद रही हैं। कई माह पहले उनकी रिहाई हो चुकी है। मौजूदा समय में आजम खां और अब्दुल्ला बंद थे। अब्दुल्ला आजम की रिहाई की उम्मीदें उनके परिजनों को पिछले दिनों जगी थी। अब्दुल्ला पर 43 मामले होने बताए जा रहे हैं।
बीते गुरुवार तक सीतापुर जेल प्रशासन को 15 परवाना (रिहाई आदेश) मिल चुके थे। जिन मामलों में आदेश मिलते रहे, जेल प्रशासन उसमें उनकी रिहाई करता रहा। शुक्रवार को भी रामपुर कोर्ट से एक रिहाई आई थी। बाकी रिहाई आने का इंतजार जेल प्रशासन कर रहा था। रामपुर कोर्ट ने सभी 43 मामलों में अब्दुल्ला की जमानत मंजूर कर ली थी, लेकिन परवाना (रिहाई आदेश) सीतापुर जेल प्रशासन तक नहीं पहुंच सके थे। ऐसे में रिहाई लटकी हुई थी। शनिवार को सभी मामलों की रिहाई आने के बाद शाम तीन से चार बजे के बाद अब्दुल्ला के जेल से बाहर आने के कयास लगाए जा रहे थे।
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जेलर आरएस यादव ने बताया कि शनिवार को 12 बजे तक रामपुर कोर्ट से सभी मामलों की रिहाई आ गई थी, लेकिन एक रिहाई में कमी पाई गई। यह मामला साजिश और अन्य धाराओं से जुड़ा हुआ था। ऐसे में इस रिहाई को लेकर संबंधित कर्मचारी फिर रामपुर कोर्ट गया और वहां से रिहाई में सुधार कर सीतापुर के लिए रवाना हुआ। रात 7:40 बजे के करीब रामपुर से रिहाई जेल में पहुंची। इसके बाद अब्दुल्ला को जेल से रिहा करने की कागजी कार्रवाई पूरी की गई। रात 8:20 बजे उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है।
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