लखनऊ : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के निर्देश पर धर्मस्थलों में तय मानकों का उल्लंघन करते हुए बजाए जाने वाले अवैध लाउडस्पीकर हटवाने का अभियान बुधवार को भी जारी रहा। बुधवार को शाम तक 72 घंटे के अभियान में धर्मस्थलों से कुल 10923 अवैध लाउडस्पीकर हटवाए गए, जबकि धर्मस्थलों पर लगे 35221 लाउडस्पीकर की आवाज निर्धारित मानक के अनुसार कम कराई गई।

मुख्यमंत्री की पहल पर सबसे पहले श्रीकृष्णजन्मभूमि मथुरा में लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए गए थे। इसके बाद गोरखपुर के ऐतिहासिक गोरखनाथ मंदिर में लाउडस्पीकर की आवाज धीमी कर दी गई थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि हर किसी को अपनी उपासना पद्धति मानने की स्वतंत्रता है और इसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस प्रकार की आवाज उस धार्मिक परिसर से बाहर न जाए। 25 अप्रैल को गृह विभाग ने हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 के आदेश का हवाला देते हुए शासनादेश जारी किया।

पुलिस विभाग द्वारा बुधवार को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, लखनऊ जोन के जिलों में सबसे ज्यादा 2,395 लाउडस्पीकर हटाए गए, इसके बाद गोरखपुर (1,788), वाराणसी (1,366) और मेरठ (1204) जोन में हटाए गए हैं। लाउडस्पीकरों की आवाज सीमित किए जाने के मामले में, लखनऊ क्षेत्र 7,397 लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई के साथ सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद बरेली (6,257) और मेरठ (5,976) में लाउडस्पीकर की आवाज सीमित की गई है।

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अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि लाउडस्पीकर हटाने का काम बिना किसी भेदभाव के किया जा रहा है। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोमेन बर्मा ने बताया, ‘अवैध लाउडस्पीकर हटाने का सिलसिला मंगलवार को शुरू किया गया था और यह अब भी जारी है। हम विभिन्न धर्मगुरुओं से तथा शांति समितियों के सदस्यों के साथ तालमेल कर इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। अभी तक हमें किसी भी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है।’

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