मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए बैंकों को भारतीय मुद्रा में आयात एवं निर्यात के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने का सोमवार को निर्देश दिया। रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने के पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व-अनुमति लेना जरूरी होगा।
आरबीआई ने कहा कि ‘भारत से निर्यात बढ़ाने पर जोर और भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए वैश्विक व्यापार को बढ़ाने के लिए यह तय किया गया है कि बिल बनाने, भुगतान और रुपये में आयात/निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम किया जाए।’
परिपत्र के मुताबिक, व्यापार सौदों के समाधान के लिए संबंधित बैंकों को साझेदार कारोबारी देश के अभिकर्ता बैंक के विशेष रुपया वोस्ट्रो खातों की जरूरत होगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ‘इस व्यवस्था के जरिये भारतीय आयातकों को विदेशी विक्रेता या आपूर्तिकर्ता से वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के इन्वॉयस या बिल के एवज में भारतीय रुपये में भुगतान करना होगा जिसे उस देश के अभिकर्ता बैंक के खास वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा।’
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इसी तरह विदेश में वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति करने वाले निर्यातकों को उस देश के निर्दिष्ट बैंक के खास वोस्ट्रो खाते में जमा राशि से भारतीय रुपये में भुगतान किया जाएगा। इस व्यवस्था से भारतीय निर्यातक विदेशी आयातकों से अग्रिम भुगतान भी रुपये में ले सकेंगे।
आसान भाषा कहा जाए तो कारोबार में सहयोगी देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाजार दर पर निर्धारित हो सकती है। इस व्यवस्था के तहत व्यापार लेनदेन का सेटलमेंट भारतीय रुपये में होगा। भारत के आयातकों को भारतीय रुपये में पेमेंट करना होगा। ये रकम जहां से सामान आयात किया जा रहा होगा उस देश के विशेष बैंक खाते में जमा की जाएगी। यही स्थिति निर्यात में होगी। विशेष खाते में रकम जमा कर दी जाएगी और निर्यातक को रुपये में भुगतान आसानी से मिल सकेगा।