नई दिल्ली : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। लगातार छापेमारी के बाद अब गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। टेरर लिंक को लेकर यह कार्रवाई की गई है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। बता दें कि ईडी और एनआईए के पहले राउंड की छापेमारी में 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोगों को अरेस्ट किया गया।
गृह मंत्रालय का कहना है कि टेरर लिंक के सबूत मिलने और एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। इनमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल और अन्य कई संगठन शामिल हैं। बताते चलें कि पहले राउंड में 11 राज्यों में छापेमारी हुई थी और उसके बाद पीएफआई से जुड़े लोगों ने हंगामा भी किया था। वहीं दूसरे राउंड में 8 राज्यों में रेड डाली गई। दिल्ली के जामिया नगर में धारा 144 लगा दी गई थी।
इसे भी पढ़ें– दिल्ली-यूपी समेत 8 राज्यों में फिर से PFI के ठिकानों पर छापेमारी, 170 कार्यकर्ता हिरासत में
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल रहा है जो संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है। बाह्य स्रोतों से धन और वैचारिक समर्थन की वजह से यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि, कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले लोगों पर हमला करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामलों की पुष्टि हुई है।
प्रतिबंध का क्या है मतलब
प्रतिबंध के मायने ये हैं कि इस संगठन से जुड़े किसी भी शख्स पर कार्रवाई की जा सकती है। देश में जिस तरह की गतिविधि पीएफआई चला रहा था उसपर रोक लगाई जाएगी। एजेंसियों ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं और उसमें यूएपीए लगाया गया है। इसके अलावा पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। विदेशी फंड को पीएफआई जिस तरह से लीगल बताने की कोशिश करता था, उसपर भी शिकंजा कसा जाएगा।
अखबार के जरिए चला रहा भारत विरोधी एजेंडा
पीएफआई केवल देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी भारत के खिलाफ अजेंडा चलाता था। पीएफआई एक अखबार चलाता था जिसका नाम ‘तेजस गल्फ डेली है।’ इस अखबार के जरिए वह खाड़ी देशों में भारत विरोधी अजेंडा चलाता है। इसके अलावा अखबार के जरिए वह विदेशी फंडिंग को लीगल बनाने का भी काम करता था। पीएफआई अबूधाबी के एक रेस्तरां के जरिए भी हवाला के माध्यम से फंडिंग प्राप्त करता था। विदेशी फंडिंग के बल पर वह देश में कट्टरपंथ को हवा देने का काम कर रहा था।
क्या है पीएफआई
बता दें कि पीएफआई का गठन 2006 में किया गया था और वह भारत में हाशिये पर मौजूद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसी का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रसार कर रहा है। इस संगठन का गठन केरल में किया गया था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है। पीएफआई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के बाद उस पर देशभर में प्रतिबंध लगने की संभावना पहले ही थी।