नई दिल्ली: भारत सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि देश में पहली बार लिथियम का बड़ा भंडार पाया गया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम के भंडार पाए गए हैं। लाइव साइंस के अनुसार, लिथियम एक हल्की धातु है जिसका उपयोग कई कार्यों में होता है। लिथियम बाइपोलर डिसऑर्डर का उपचार करने, बीमारी या स्ट्रेस में होने वाले वाइल्ड मूड स्विंग को स्थिर करने में मदद करता है। लिथियम नाम ‘लिथोस’ से आया है, जो एक ग्रीक शब्द है। ग्रीक में लिथोस का मतलब ‘पत्थर’ होता है।

लिथियम एक अलौह धातु है और इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख घटकों में से एक है। लिथियम और आयन से बनी बैटरियों में लेड-एसिड बैटरियों या निकेल-मेटल हाइड्राइड बैटरियों की तुलना में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है। इसलिए समान ऊर्जा भंडारण क्षमता को बनाए रखते हुए बैटरी के आकार को दूसरों की तुलना में छोटा बनाना संभव है। दुनिया भर में सरकारों द्वारा ईवी पर जोर देने के साथ, इन वाहनों के निर्माण में लिथियम बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।

भारत हाल ही में लिथियम समेत प्रमुख खनिजों की आपूर्ति को मजबूत करने की तलाश में है, जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उसकी योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इससे पहले, खनन मंत्रालय ने कहा था कि उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए सरकार ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना से लिथियम सहित खनिजों को सुरक्षित करने के लिए कई सक्रिय उपाय कर रही है। वर्तमान में भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के लिए आयात पर निर्भर है। इन खनिजों के 50% भंडार तीन दक्षिण अमेरिकी देशों- अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली में केंद्रित हैं।

इस प्रकार, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मिले 59 लाख टन लिथियम के भंडार भारत के लिए एक बड़ी बात बन जाते हैं, क्योंकि यह आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हिकल के क्षेत्र में भारत की पैठ बढ़ाने में मदद करेगा। गुरुवार को केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में बोलते हुए, खान सचिव विवेक भारद्वाज ने कहा कि चाहे वह मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, हर जगह महत्वपूर्ण खनिजों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

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