नई दिल्लीः पुरानी संसद को आज विदाई दिया जा रहा है। अब से नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी। इसी सिलसिले में संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पुरानी संसद को संविधान सदन के रूप में जाना जाए। पुरानी संसद को संविधान सदन कहा जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पुरानी संसद प्रेरणा देती रहेगी। पीएम मोदी ने कहा कि मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमती हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।

संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” हमारे विश्वविद्यालय दुनिया के अंदर टॉप रैंकिंग में आए, अब हमें इसमें पीछे नहीं रहना है। अभी जब G 20 में विश्व के मेहमान आए मैंने वहां नालंदा की तस्वीर रखी थी, जब मैं दुनिया के नेताओं को कहता था कि 1500 साल पहले मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करती थी तो वे सुनते ही रह जाते थे।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा।’ हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।”

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