बाराबंकी: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एम्बुलेंस पंजीकृत कराने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मामले में फरार चल रहे आरोपी आनंद यादव को गिरफ्तार कर लिया है। फरार आरोपी आनंद यादव पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। बता दें कि इस मामले में पुलिस को फरार अभियुक्तों की तलाश थी। इसी दौरान शहर कोतवाल पंकज सिंह व सर्विलांस टीम के साथ मामले में गठित एसआईटी ने बुधवार को नामजद इनामी अभियुक्त आनंद यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि 31 मार्च 2021 को मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपण जेल में पेशी पर एक एम्बुलेंस के जरिए लाया गया था। इस एम्बुलेंस का पंजीकरण नंबर बाराबंकी से पंजीकृत था, जिसपर डॉक्टर अलका राय ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए थे। वहीं जब बाराबंकी में एम्बुलेंस का पंजीकरण चेक किया गया तो एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन फर्जी पते पर दर्ज पाया गया। साथ ही यह भी पाया गया कि पंजीकृत एम्बुलेंस का फिटनेस सात सालों से नहीं कराया गया है।
इसकी जानकारी होते ही कोतवाली नगर में धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें मऊ में स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल की संचालिका डाॅ. अलका राय, उनके पति एसएन राय और राजनाथ यादव को जेल भेजा गया है। वहीं मुख्तार अंसारी के बतौर विधायक प्रतिनिधि मुजाहिद, आनंद यादव और लखनऊ के शाहिद फरार चल रहे थे, जिसमें से आनंद यादव को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है। इस मामले में जेल में बंद मुख्तार अंसारी को भी पुलिस ने अभियुक्त बनाया है।
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