नई दिल्ली: जंतर मंतर में प्रदर्शन की इजाजत की मांग वाली किसान संगठनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि एक तरफ किसान संगठनों ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और दूसरी ओर आंदोलन भी कर रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है? ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस बात पर विचार करेगा कि कोई व्यक्ति या संगठन आंदोलन में लंबित मामलों पर प्रदर्शन कर सकता है या नहीं।

बता दें कि किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी की उन्हें दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। लेकिन किसान महापंचायत ने इसके समानांतर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कृषि कानूनों को चुनौती भी दी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसान संगठनों ने एक तरफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और दूसरी ओर आंदोलन भी कर रहे हैं। ऐसा कैसे हो सकता है?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में दाखिल याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों को कोई एक चीज चुननी होगी। या तो अदालत से राहत मांगें या फिर आंदोलन करें। मामले में अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव समेत 43 किसान नेताओं और संगठनों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाया जाए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में किसानों को सड़कों से हटाकर रास्ता खाली कराने की मांग की गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है।

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