इलाहाबाद: ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी चिंता जताई है। हाईकोर्ट ने आगामी यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर भी एक बड़ी अपील की है। हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से चुनावों को टालने पर विचार करने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री इस पर विचार करें क्योंकि जान है तो जहान है। साथ ही कोर्ट ने तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीति पार्टियों द्वारा भीड़ एकत्रित कर चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की भी अपील की। कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से करें।

यह बात जस्टिस शेखर कुमार यादव ने उत्तर गिरोहबंद कानून के तहत जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत मंजूर करते हुए कही। संजय यादव के खिलाफ प्रयागराज के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज है। हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा कि आज इस न्यायालय के समक्ष लगभग चार सौ मुकदमें सूचीबद्ध हैं। इसी प्रकार से नित्य मुकदमें इस न्यायालय के समक्ष सूचीबद्व होते हैं, जिसके कारण अधिक संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित होते हैं तथा उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंस नहीं होती है। अधिवक्ता आपस में सटकर खडे़ होते हैं जबकि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मरीज बढ़ते जा रहे हैं और तीसरी लहर आने की सम्भावना है।

हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक समाचार पत्र के अनुसार 24 घंटे में छह हजार नए मामले मिले हैं एवं 318 लोगों की मौतें हुई है। यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैण्ड, आयरलैण्ड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महानिबन्धक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आग्रह है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं। साथ ही दैनिक समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों में ऐसी भयावह स्थिति दिखाई जा रही है। पिछली लहर में हमने देखा है कि लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए है और लोगों की मृत्यु हुई है। ग्राम पंचायत के चुनाव एवं बंगाल विधानसभा के चुनाव ने लोगों को काफी संक्रमित किया जिससे लोग मौत के मुंह में गए.

चुनावी रैलियों को रोकें

प्रदेश में विधानसभा चुनाव निकट है, जिसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं आदि करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। जहां पर किसी भी प्रकार से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना सम्भव नहीं है और इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे। ऐसी दशा में चुनाव आयुक्त से न्यायालय का अनुरोध है कि इस प्रकार की रैली, सभाएं आदि जिसमें भीड़ एकत्रित हो उस पर तत्काल रोक लगाएं। साथ ही चुनावी पार्टियों को आदेशित करें कि वह अपना प्रचार व प्रसार रैली एवं सभा में भीड़ जुटाकर न करें बल्कि दूरदर्शन एवं समाचार पत्रों के माध्यम से करें। इसके अलावा संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को भी एक-दो माह के लिए टाल दें क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में भी दिया गया है।

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हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे देश के माननीय प्रधान मंत्री जिन्होंने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में कोरोना मुफ्त टीकाकरण का जो अभियान चलाया है वह प्रशंसनीय है और न्यायालय उसकी प्रशंसा करती है। माननीय प्रधान मंत्री से कोर्ट अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कडे़ कदम उठाए। कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति महानिबन्धक, उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं चुनाव आयुक्त तथा केन्द्र सरकार को प्रेषित करने का निर्देश दिया है।

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