नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से उबरने के हालात के बीच समाज के कमजोर तबके को सहायता प्रदान करना जारी रखने के मकसद से शनिवार को गरीबों को पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने की योजनावधि को अगले छह माह यानी 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। इससे राजकोष पर लगभग 80000 करोड़ रुपये का भार आने की संभावना है।

भारत में दो साल पहले सख्त लॉकडाउन लागू किये जाने के बाद शुरू हुई यह योजना कुछ दिन बाद 31 मार्च को ही समाप्त होने वाली थी। पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत पहले ही लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और छह महीने के विस्तार के साथ इस पर 80000 करोड़ रुपये का खर्च और आएगा। मार्च 2020 में केंद्र ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) योजना शुरू की थी।

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सरकारी बयान में कहा गया है कि समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति चिंता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम-जीकेएवाई योजना को अगले और छह महीने यानी सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया है। यह इस योजना का छठा चरण होगा। पीएम-जीकेएवाई योजना का पांचवां चरण मार्च 2022 में खत्म होने वाला था। आधिकारिक बयान के मुताबिक सरकार ने अब तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और अगले छह महीनों में सितंबर 2022 तक 80000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे, जिससे पीएम-जीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

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