लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव में हार पर बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने रविवार को पार्टी की मुस्लिम भाईचारा कमेटी को भंग कर दिया है। इस दौरान कुछ पार्टी के प्रवक्ताओं को हटा दिया है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर के साथ यूपी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी के जनाधार को फिर से वापस लाने में जुटेंगे। वहीं मायावती ने बैठक से पहले अपने सभी चारों प्रवक्ताओं को उनके पद से हटा दिया था। इसके साथ ही मीटिंग में पहुंचे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बसपा के प्रत्याशी होंगे। यह सीट नेता विरोधी दल अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।
इसके साथ ही 3 नए प्रभारी बनाए हैं जो सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे। यह जिम्मेदारी मुनकाद अली, राजकुमार गौतम और डॉ. विजय प्रताप को दी गई है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी है। इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद बसपा के वोट बैंक का एक बड़ा हिस्सा अन्य पार्टियों में शिफ्ट हो चुका है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी रणनीति तय की जाएगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन कर लड़ा था और 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
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इस मीटिंग में पार्टी के महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा, बसपा के विधायक उमा शंकर सिंह भी मौजूद रहे। मायावती ने हार के कारणों की समीक्षा की और आगे के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने के निर्देश पार्टी पदाधिकारियों को दिए। बता दें कि, इस बार के चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत भी 13% पर आ गया है। सूत्रों ने बताया कि मायावती बूथ स्तर के नेताओं से फीडबैक ले रही हैं, जिसमें यह निकल कर सामने आया है कि बड़े नेताओं का उन्हें सहयोग नहीं मिला है।
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