लखनऊ: राजधानी के जियामऊ स्थित निष्क्रांत संपत्ति पर कब्जा करके धोखाधड़ी से अपने व अपने बेटों के नाम कराने के आरोप में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को आरोप तय कर दिए। अदालत ने आरोप तय करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी जब भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होगा, तब वह आरोप पर हस्ताक्षर करेगा। कोर्ट ने मामले में गवाही के लिए 29 अगस्त की तारीख तय की है।

पत्रावली के अनुसार इस मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार अंसारी एवं उनके बेटों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करके सरकारी निष्क्रांत भूमि पर अपराधिक षड्यंत्र के तहत LDA से नक्शा पास करा कर अवैध निर्माण करके कब्जा कर लिया। आरोप लगाया गया कि सरकार में निहित निष्क्रांत संपत्ति को हड़पने के लिए एक पूर्व नियोजित योजना के अनुसार अपराधिक षड्यंत्र के तहत इस काम को अंजाम दिया गया है।

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अभियोजन की ओर से आरोप लगाया गया है कि मामले में माफिया मुख्तार अंसारी ने अनुचित दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से संपत्ति को करा लिया। इस मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी की ओर से उसे आरोप मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जी दी गई थी, जिसे कोर्ट ने गत 27 जुलाई को खारिज कर दिया था।

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