अमेठी: यूपी में अवैध बिल्डिंग पर योगी सरकार बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है। अमेठी में चार साल से सुल्तानपुर-रायबरेली राजमार्ग के किनारे गूजरटोला गांव के पास चारागाह की बेशकीमती जमीन पर बने मदरसे को तहसीलदार कोर्ट से बेदखली के बाद सोमवार की सुबह बुलडोजर से ढहा दिया गया। चार कमरों के मदरसा को पुलिस पीएसी के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने ढहा दिया।

गूजर टोला ग्राम पंचायत अंतर्गत सुल्तानपुर-रायबरेली राजमार्ग के बाई तरफ चारागाह की बेशकीमती जमीन पर गांव निवासी हसन पुत्र सुल्तान ने निर्माण कार्य करा रखा था। 4 कमरों और बरामदे के इस भवन में 2 साल पहले तक मदरसा चल रहा था। भूखंड से थोड़ी दूर पर एक सरकारी हैंडपंप भी लगा हुआ था। मदरसे के बहाने पूरे भूखंड पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही थी। जमीन हाईवे से सटी होने के नाते करोड़ों की बताई जा रही है। मामले में लेखपाल की रिपोर्ट पर तहसीलदार कोर्ट में बेदखली की कार्यवाही चल रही थी। जिसमे आदेश करते हुए तहसीलदार कोर्ट से बेदखली का आदेश पारित हो गया।

सोमवार को एसडीएम गौरीगंज राकेश कुमार की अगुवाई में सुबह साढ़े पांच बजे टीम मदरसा गिराने के लिए मौके पर पहुंच गई। टीम में गौरीगंज एसडीएम के साथ ही अतिरिक्त मजिस्ट्रेट सचिन यादव, गौरीगंज, जामो, मुंशीगंज, महिला थाना और जायस थाने की पुलिस के साथ ही डेढ़ कंपनी पीएसी पहुंची थी। साढ़े पांच बजे से छह बजकर पांच मिनट तक चले बुलडोजर ने 35 मिनट में मदरसा जमींदोज कर दिया। किसी भी प्रकार की शांति व्यवस्था भंग होने की स्थिति न बने इसलिए मौके पर पुलिस तैनात की गई है।

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प्रशासन की कार्यवाही से सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों में हड़कंप मच गया है।  गूजरटोला गांव में अन्य कई बेदखली के मामले चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं जल्द ही उन पर भी कार्यवाही हो सकती है।  तहसीलदार दिग्विजय सिंह ने बेदखली का आदेश करते हुए कब्जेदार हसन पर दो लाख 24 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कब्जेदार को यह जुर्माना अदा करने के आदेश दिया गया है।

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