पणजी: गोवा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के 8 विधायकों के भाजपा में चले जाने के बाद अब नेता प्रतिपक्ष के पद पर कोई दावा करने वाला नहीं है। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर अब मात्र 3 रह गई है, जिसके बाद अब किसी भी राजनीतिक दल के पास नेता विपक्ष के पद पर दावा करने के लिए पर्याप्त विधायक नहीं हैं। विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने कांग्रेस विधायक दल का भाजपा में विलय करने के कांग्रेसी विधायकों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत समेत कांग्रेस के आठ विधायक बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए। इस फैसले को विपक्षी दल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर तीन रह गई है। साल 2019 में भी इसी प्रकार कांग्रेस के 10 विधायक BJP में शामिल हो गए थे।
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भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में मौजूदा समय में विपक्ष के नेता माइकल लोबो भी शामिल हैं। गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद के लिए किसी पार्टी के पास कम से कम चार विधायक होने चाहिए। आम आदमी पार्टी के दो विधायक हैं जबकि गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रिवोल्यूशनरी गोवा पार्टी का एक-एक विधायक है।
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