पटना : कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में उन्हें मोदी सरनेम केस में 25 अप्रैल यानी मंगलवार को सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया था। राहुल गांधी की ओर से पटना हाईकोर्ट में इसके लिए छूट की अपील की गई थी। पटना हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाते हुए 15 मई की तारीख दी है।

दरअसल, 12 अप्रैल को MP-MLA कोर्ट को पेश होना था लेकिन वह नहीं आए। कोर्ट में राहुल गांधी की सशरीर उपस्थित नहीं होने पर उनके वकील ने कोर्ट से उपस्थिति की छूट मांगी। वहीं उन पर “मोदी सरनेम” को लेकर केस करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सभा सांसद सुशील मोदी के वकील एस.डी. संजय ने विशेष न्यायाधीश राहुल गांधी की जमानत कैंसिल करने की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि कोर्ट से अपील है कि राहुल गांधी की जमानत को रद्द करके उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित कराने को सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध गिरफ्तारी का वारंट निर्गत करने का आदेश जारी किया जाए। इसके बाद कोर्ट ने 25 अप्रैल को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था। इसके बाद राहुल गांधी ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोमवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। जस्टिस संदीप कुमार की कोर्ट ने एमएपी-एमएल कोर्ट में पेशी के आदेश पर स्टे लगा दिया।

बता दें कि यह मामला भी “मोदी सरनेम” पर की गई टिप्पणी से ही जुड़ा है। भाजपा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2019 में केस किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 2019 में कर्नाटक के कोलार में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि “सारे मोदी चोर हैं”। मेरा सरनेम मोदी ही है। इस बयान से मोदी सरनेम वाले लोग काफी आहत हुए थे। इसलिए उन्होंने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस वक्त राहुल गांधी इस मामले में बेल पर चल रहे हैं।

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