मऊ: अभिभावक छात्र एकता मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से अभिभावकों और छात्रों के बीच NCERT/CBSE, सरकारों के द्वारा जारी मानकों, दिशा-निर्देशों यथा बैग वजन मानक, शिक्षकों की योग्यता, NCERT की पुस्तकों को पढ़ाने, शुल्क निवारण समिति के गठन आदि व कोरोना काल की शुल्क माफी के बारे में शांतिपूर्ण ढंग से जन जागरूकता अभियान चलाने से बौखलाए निजी विद्यालय प्रबंधकों ने संगठित होकर अभियान को बंद करवाने के लिए अपने धनबल, ऊंची पहुंच के बल पर पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से धमकी देने फर्जी मुकदमे दर्ज करवाने की निष्पक्ष जांच कराकर उनकी मनमानी के विरुद्ध कार्रवाई हेतु निम्नलिखित मांग पत्र प्रेषित किया गया।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता राजविजय यादव ने कहा कि सरकार के शासनादेशों, निर्देशों के अनुपालन से प्रबंधकों को बचाने एवं उनके लूट की मनमानी को जारी रखने के लिए पुलिस प्रशासन पार्टी बनकर पक्षपात पूर्ण ढंग से कार्य कर रहा है, जो न्याय पूर्ण ढंग से समाज के संचालन में बड़ी बाधा है। यह सरकार की स्वच्छ छवि को भी बदनाम करने का कार्य कर रहा है। हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे लगाकर लगातार पुलिस प्रशासन के द्वारा दबाव डाला जा रहा है। गुंडा एक्ट लगाने तक की बातें कहीं जा रही हैं। हम लोगों के ऊपर लगाया गया मुकदमा फर्जी है, जिसकी निष्पक्ष जांच करते हुए मुकदमा समाप्त किया जाए। साथ ही प्राइवेट विद्यालयों में मानक के अनुरूप न तो निर्माण है और न ही उचित अग्निशमन यंत्र, बल्कि जिले में 2 विद्यालय पेट्रोल पंप की चारदीवारी से सटे बनाये गये हैं। इन विद्यालयों को तत्काल बंद कराया जाए।
वहीं रविंद्र कुमार साहनी ने कहा कि हम लोग सरकार के शासनादेश को अभिभावकों के बीच में लेकर जाने का काम कर रहे हैं। जिसके विरोध में बौखलाए प्रबंधकों द्वारा हम लोगों के ऊपर तरह-तरह का दबाव डाला जा रहा है, जिससे कि उनका जो धन उगाही का अड्डा है, जिसमें अभिभावकों का लगातार शोषण हो रहा है, जिससे वह परेशान हैं और हम लोगों को फर्जी तरीके से फंसा रहे हैं। वहीं दीपक चंद्रा ने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्य-पुस्तकों को पढ़ाना अनिवार्य किया जाए। प्राइवेट प्रशासकों की एनसीईआरटी पैटर्न की पुस्तकों को पढ़ाने और बिक्री पर रोक लगाई जाए। स्कूल फीस एवं अन्य शुल्क एवं भाड़ा निर्धारित करने के लिए जिला शुल्क निवारण समिति अधिनियम के तहत गठित की जाए। जिसमें जिला प्रशासन, विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों के प्रतिनिधि शामिल किए जाएं। बैग वजन मानक सख्ती से लागू कराया जाए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, आरटीआई द्वारा तय गरीब छात्रों की भागीदारी हेतु प्राइवेट विद्यालयों में 25% निशुल्क शिक्षा हेतु का शत-प्रतिशत अनुपालन कराया जाए। इस दौरान धरना ज्ञापन के दौरान गगन कुमार, बलवंत यादव, संगम राज, विक्की कुमार, विजय बहादुर साहनी, अमित गौण, सोनू यादव, साधु यादव आशुतोष, गोलू, पंकज आदि उपस्थित रहे।