मऊ: मुख्तार अंसारी के खिलाफ हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में मुख्तार और उसके बेटों पर जियामऊ इलाके में सम्पति को अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर कूटरचित दस्तावेजों के सहारे जमीन पर कब्जा किया और उसपर अवैध निर्माण भी कर लिया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस एफआईआर के खिलाफ चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस चुनौती याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने मुख्तार के बेटों की याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 4 मार्च की तारीख तय की है। अगली सुनवाई तक मुख्तार के बेटों की गिरफ्तारी पर लगी रोक जारी रहेगी।

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश  मुख्तार अंसारी और उसके बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी की दो अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। न्यायालय ने मुख्तार अंसारी की याचिका खारिज करते हुए अपना विस्तृत आदेश सुरक्षित कर लिया है। वहीं मुख्तार के बेटों की याचिका पर उनके अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने सरकार के जवाबी हलफनामे पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए 4 सप्ताह का समय दिया है। दोनों की गिरफ्तारी पर 21 अक्टूबर  2020  को न्यायालय ने  रोक लगा दी थी।

बता दें कि लखनऊ के जियामऊ के प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को मुख्तार अंसारी और उसके बेटों के खिलाफ हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में तीन दिन पहले ही मुख्तार के बेटे उमर अंसारी और अब्बास अंसारी अचानक अपना बयान दर्ज कराने हजरतगंज कोतवाली पहुंचे थे। विवेचक ने दो घंटे तक उनके बयान लिये थे।

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