नई दिल्ली: गैंगस्टर से नेता बने बाहुबली मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ना किसी वजह से मुख्तार को यूपी नहीं लाया जा सका है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते के अंदर पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया गया है ताकि मुख्तार अंसारी यूपी में दर्ज मुकदमे का सामना कर सके।

बता दें कि अभी बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट यह तय करेगी कि अंसारी को बांदा की जेल में रखा जाएगा या फिर किसी और जेल में शिफ्ट किया जाएगा। जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने निर्देश दिया कि अंसारी को दो हफ्ते के अंदर यूपी को सौंपा जाए। इससे पहले कोर्ट ने दो ट्रांसफर याचिकाओं को सीज कर लिया था। इनमें से एक यूपी सरकार की ओर से मुख्तार अंसारी को पंजाब से यूपी ट्रांसफर करने को लेकर दायर की गई थी। वहीं दूसरी याचिका में मुक्तार अंसारी ने अपने खिलाफ दर्ज केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अंसारी की याचिका को भी खारिज कर दिया।

दरअसल, मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी यूपी की एक जेल में बंद था और उसके केस का ट्रायल चल रहा था। इसी बीच पंजाब पुलिस ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया और उसे पंजाब ले गई। इसके बाद से ही मुख्तार को यूपी नहीं लाया जा सका है। वहीं गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को लाने के लिए यूपी और पंजाब की सरकारों के बीच काफी लंबे समय से जंग छिड़ी हुई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 3 मार्च को सुनवाई के दौरान बताया कि मुख्तार अंसारी ‘पंजाब की रोपड़ जेल से अपना कारोबार संचालित कर रहा है। मेहता ने कहा कि जिस एफआईआर के कारण पंजाब पुलिस ने अंसारी की गिरफ्तारी की, उसमें साफतौर से मुख्तार अंसारी का नाम नहीं था और मजिस्ट्रेट के निर्देश के बिना बांदा जेल अधीक्षक द्वारा सौंपे जाने के बाद अंसारी को पंजाब ले जाया गया था।

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