मऊ: जिले के 489 जलाशयों को जल संरक्षण के उद्देश्य के तहत मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाएगा। इस काम को पूरा करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके लिए 489 तालाबों की सबसे पहले जीआईएस (जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) मैपिंग कराई जाएगी। ऐसे में अगर किसी जलाशय पर अतिक्रमण हुआ होगा तो उसे हटाया जाएगा। साथ ही मनरेगा के तहत जलाशयों की सफाई तथा खुदाई कराई जाएगी।
बता दें कि जिले के विभिन्न ब्लाकों में 489 जलाशयों को चिह्नित कर लिया गया है, जिन्हें 2021-21 में मॉडल जलाशय का रूप दिया जाएगा। इन मॉडल तालाबों के किनारे उपयोगी पौधे लगाए जाएंगे। इन तालाबों में जल की उपलब्धता, मृदा स्तर के आधार पर वैज्ञानिक ढंग से कार्य कराए जाएंगे। इस कार्य में मनरेगा के अलावा पंचायतों को जारी राज्य और केंद्रांश की धनराशि का भी इस्तेमाल होगा। इस कार्य में वन विभाग, सिंचाई विभाग, लघु डाल पंप कैनाल की भूमिका होगी।
जिला उद्यान अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, भूमि संरक्षण अधिकारी और बीडीओ की देखरेख में तालाबों को मॉडल बनाने का कार्य किया जाएगा। इसकी कार्ययोजना शासन को भेजी गई है। चिह्नित जलाशयों की जीआईएस मैपिंग की जाएगी। जमीन की हकीकत की पड़ताल की जाएगी। जिन जलाशयों पर अतिक्रमण होगा, उसे हटाया जाएगा। इसके बाद जलाशयों के कायाकल्प का कार्य शुरू होगा।