मऊ: जिले के मधुबन तहसील क्षेत्र में हर साल बाढ़ की स्थिति पैदा होती है और हर साल इससे जूझ रहे तमाम ग्रामीणों के लिए शासन प्रशासन की ओर से तमाम वादे और दावे भी किए जाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी मधुबन तहसील के बिंदटोलिया गांव के ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर भय का माहौल है। कई ग्रामीणों के रिहायशी मकान नदी की जलधारा में विलीन को चुके हैं तो कई के मकानों को इस बार नदी अपने आगोश में लेने के लिए बेताब है।
वहीं सरयू नदी की विभिषिका देखकर नदी के तटवर्ती इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ ग्रामीणों को अपने मकान के नदी में मिल जाने की चिंता है तो वहीं दूसरी ओर उनकी रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गांव में रहने वाले नाविकों का कहना है कि वह किसी तरह से नाव चलाकर अपने खाने की जुगाड़ करते थे, लेकिन प्रशासन की अनदेखी की वजह से इस बार इसपर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई महीनों से नाव चलाने को लेकर उन्हें मिलने वाली राशि अभी तक नहीं मिली है। वहीं इस बार बाढ़ को लेकर प्रशासन की ओर से नावों की व्यवस्था करने की बात तो कही जा रही है, लेकिन नाविक नाव चलाने से साफ मना कर रहे हैं। नाविकों का कहना है कि पिछली बार का बकाया अभी तक नहीं मिला है, तो इस बार नाव क्यों चलाएं।
हालांकि पूरे मामले पर मधुबन के एसडीएम लाल बाबू दुबे का कहना है कि बाढ़ से बचाव के लिए नावों की व्यव्स्था कर दी गई है। साथ ही नाविकों के बकाया धनराशि को लेकर उन्होंने कहा कि नाविकों की धनराशि प्रशासन से स्वीकृत हो गई है और जिला स्तर पर आ भी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द नाविकों का भुगतान उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
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